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वायरल ख़बर: जय श्री राम नारे को बदनाम करने की कोशिश हुई नाकाम, मौलाना हुआ बेनकाब! Twitter और 9 लोगों पर FIR दर्ज

जय श्री राम नारे को बदनाम करने की कोशिश: 14 जून को एक विडियो वायरल हुआ जो एक मुस्लिम समुदाय के बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल समद का है जो बुलंदशहर के रहने वाले हैं|उसमे उन्होंने बोला था की 5 जून को जब वो ऑटो से अपने एक रिश्तेदार के यहाँ शोक सभा में शामिल होने के लिए लोनी बॉर्डर थानाक्षेत्र के बेहटा हाजीपुर जा रहे थे| तब उनको कुछ युवको ने बंधक बना लिया और उनके साथ मारपीट और अभद्रता की और उनको जबरदस्ती “जय श्री राम” का नारा लगाने को बोला गया और उनकी दाढ़ी भी काट दी | उसके बाद युवक उनको बाइक पर बैठा के एक सुनसान जगह पर छोड़ कर भाग गये |

घटना के बाद पुलिस से शिकायत करने पर पुलिस ने उस दौरान सिर्फ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया| लेकिन 9 दिन बाद जब विडियो वायरल हुआ तो पुलिस फिर से हरकत में आई और आरोपियों की पहचान करके उनके खिलाफ करवाई की गयी | लेकिन पुलिस की जाँच में यह पता चला की यह मामला तो कुछ और ही है |और “जय श्री राम” के नारे का नाम लेकर इसे धार्मिक रंग देने की कोशीश हो रही हो रही है |

क्या है पुरे मामले की सच्चाई ?

बीते दिनो जब एक मुस्लिम मौलाना की विडियो वायरल हुयी जिसमे की उसने रोते हुए बताया की कुछ युवकों द्वारा उसकी पिटाई और अभद्रता की गयी और जबरदस्ती उनसे जय श्री राम बोलने को कहा गया |इस विडियो के वायरल होने के बाद तो सोशल मिडिया में इस विडियो को लेकर चारो तरफ हिन्दू मुस्लिम का प्रोपेगेंडा फैलने लगा और मुस्लिम समुदाय और कुछ लोगो द्वारा इस मामले को एंटी मुस्लिम और हिंदुत्वा से जोडकर पेश किया जाने लगा |

विडियो के वायरल होने के बाद गाज़ियाबाद पुलिस हरकत में आई और उन युवको को गिरफ्तार कर लिया जिन्होंने मौलाना के साथ अभद्रता की थी | गाज़ियाबाद पुलिस ने एक ट्वीट करके पुरे मामले की सच्चाई बताई |

जय श्री राम नारे को बदनाम करने की कोशिश
जय श्री राम नारे को बदनाम करने की कोशिश

पुलिस के मुताबिक पीड़ित अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करता है और लोगो को उनकी परेशानीयों से छुटकारा दिलाने का वादा करता है | पकडे गए आरोपियों परवेश,आदिल, आरिफ, मुशाहिद,व कल्लू ने बताया की कुछ दिन पहले उन्होंने ने भी अब्दुल से ताबीज ली थी | लेकिन जिस काम के लिए अब्दुल ने ताबीज बना कर दिया था वो काम तो नहीं हुआ लेकिन काम उसका उल्टा हो गया जिसके बाद से वो गुस्से में थे |

बीते 5 जून को जब पीड़ित अब्दुल जब लोनी के बिहटा हाजीपुर जा रहा था तो , आरोपी युवको ने उसे रास्ते में ही पकड़ लिया और उसकी पिटाई की पिटाई करने वाले युवक उसी के मुस्लिम समुदाय के थे |पिटाई करने के बाद उन्होंने उसको एक सुनसान जगह पर छोड कर भाग गये| पुलिस के मुताबिक आरोपियों पर धारायें बढ़ाकर उनके खिलाफ कारवाई की गयी है |लेकिन विडियो में जिस तरीके से “जय श्री राम” के नारे को लेकर मामले को धार्मिक रंग देने का प्रयास किया गया है उसमे कोई सच्चाई नही है|

मामले का राजीतिक और धार्मिक रंग

दरअसल जिस विडिओ में मौलाना अब्दुल समद सारी बाते बातें बता रहा है उस विडियो के बैकग्राउंड में सपा मुखिया अखिलेश यादव का पोस्टर दिख रहा है | इससे ये कयास लगाया जा रहा है की मामले को धार्मिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है है | और योगी सरकार को बदनाम करने की कोशीश हो रही है |

अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले है ऐसे में राजनितिक पार्टिया अपने अपने वोट बैंक को लुभाने में जुटी है | इसीलिए इस मामले में सपा द्वारा मुस्लिम कार्ड खेला गया | अभी हल में ही जिस तरह से बीजेपी ने जीतिन प्रसाद को अपनी पार्टी में शामिल करके ब्राम्हण वोट बैंक को अपने तरफ करने की कोशीश की , लोगो का कहना है की मुमकिन है सारी पार्टिया आने वाले समय में ऐसे मुद्दे उछालती रहेंगी|

Twitter और 8 लोगों के खिलाफ केस

इस विवाद को सांप्रदायिक रूप देने की पूरी कोशिश की जा रही है. इसीलिए गाजियाबाद पुलिस ने Twitter और 8 अन्य लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है. जिसमे कांग्रेस के दो नेता शामिल है. जिसमे की एक न्यूज़ वेबसाइट ग्रुप से मोहम्मद जुबैर, राणा अय्युब और अन्य लोग शामिल है. इन लोगों ने ही इस विवाद को साम्प्रदायिक बनाना.

इस मामलें में राहुल गाँधी को योगी ने दिया करारा जबाब

दरसल अपने निजी स्वभाव के कारण और श्री राम को काल्पनिक बताने वाले, राहुल गाँधी ने बिना सच जाने सिर्फ अफवाह फ़ैलाने के लिए tweet किया. Rahul Gandhi ने ट्वीट में लिखा की – “मैं ये मानने को तैयार नही हूँ कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं. ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है”.

इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने retweet करते हुए बहुत ऐसा जबाब दिया की राहुल की बोलती बंद हो गयी. योगी ने लिखा की- “प्रभु श्री राम की पहली सीख है- ‘सच बोलना’ जो अपने कभी जीवन में किया नहीं. शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फ़ैलाने में लगें हैं. सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें.”

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जैसे जैसे चुनाव नजदीक आयेंगे वैसे वैसे ही हिन्दू मुस्लिम और कट्टरता के मामलो में वृद्धि होगी और राजनितिक पार्टियाँ इसका फायदा उठाएंगी|

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