The Kashmir Files मूवी सबको क्यों देखनी चाहिए ? इसकी 4 बड़ी वजहें !
The Kashmir Files : मार्च का महिना सारे भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण महिना होता है, लेकिन इस साल का मार्च हम भारतीयों के लिए कुछ ज्यादा ही महत्वपूर्ण बन गया उसकी कुछ बड़ी वजहें थी . क्यूंकि इस साल इस महीने में भारत के कुछ प्रमुख राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के चुनावी नतीजे 10th मार्च को आये वही उसके सिर्फ एक दिन बाद ही 11th मार्च शुक्रवार को एक मूवी भी रिलीज़ हुयी जिसने सारे भारतीयों को हिला के रखा दिया और उस मूवी का नाम है The Kashmir files.
The Kashmir Files मूवी जनवरी 1990 में हुए वहाँ के मुस्लिमो द्वारा धर्म के नाम पर कश्मीरी हिन्दुओ के नरसंहार और उनको अपनी ही जमीन से भगाए जाने की सच्ची घटना से प्रेरित हैं इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे उस समय कश्मीर से कश्मीर के मूल निवासियों को उनकी ही जमीन पर टुकड़े टुकड़े कर दिया गया. उनकी माँ, बहनों, बेटियों और बहुओ के साथ सरेआम रेप किया गया, उनकी इज्जत लूटी गयी बच्चों को गोली मार दी गयी, किस तरह वहां से कश्मीरी हिन्दू ,सिख लोग अपनी जान बचाकर भागे.
इस मूवी के कलाकारों की बात करे तो इसमे प्रमुख किरदार में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार, चिन्मय मंदेलकर, भाषा सुम्ब्ली, पुनीत इस्सर जिन्होंने अपने अपने अभिनय से इस फिल्म में जान फूंक दी हैं.
आईये जानते है कुछ प्रमुख वजहें जिनके लिए हमें the kashmir files मूवी जरूर देखनी चाहिए-
कैसे दशकों से इतने बड़े नरसंहार को दबाया गया ?
जब आप इस फिल्म को देखेंगे तो ये सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की आज हम जिस भारत में रहते है और जिस कश्मीर के बारे में जानते है जिसको हम धरती का स्वर्ग कहते है, कैसे वहाँ धर्म के नाम पर मुसलमानों द्वारा वहाँ के मूल निवासी हिन्दुओं का कत्लेआम किया गया उनको सरेआम टुकडो में काट दिया गया. कैसे वहाँ के मस्जिदों से नारे लगाकर बोला गया कि- “हिन्दुओं कश्मीर छोड़ के चले जाओ लेकिन अपने औरतो को हमारे लिए छोड़ दो”.
कैसे AK-47 लेकर किसी भी हिन्दू के घर में घुस जाओ औए उसकी बहन बेटी औरतों को उनके सामने ही जानवरों की तरह नोचते रहो, जिस कश्मीर में कभी 75 हजार से ज्यादा सिर्फ हिन्दू पंडित परिवार रहते थे एक झटके में 4 हजार से भी कम हो गए और 4 लाख से भी ज्यादा लोग अपने ही घर से जबरदस्ती निकाल दिए गए और लोग अपने ही देश में निर्वासित हो गए. उनका सिर्फ जुर्म यह था की वो लोग हिन्दू थे.
लेकिन आज तक The Kashmir Files फिल्म के आने तक बहुत ही कम लोगों को ये बातें पता होंगी, फिल्म को देखने के बाद आप ये जरूर सोचेंगे की आखिर कैसे इतने बड़े नरसंहार को इतने बड़े स्तर पर हुए हिन्दुओं के कत्लेयाम को दबा दिया गया. कभी किसी मेन स्ट्रीम मीडिया या किसी इतिहास में हमें ये नही बताया गया नहीं पढ़ाया गया की कैसे इन 30 सालों तक इतने बड़े नरसंहार के सच को छुपाया गया .
क्या कश्मीरी हिन्दुओ को न्याय मिला ?
The Kashmir Files फिल्म देखने के बाद आपको एक सवाल जरूर परेशान करेगा कि क्या इतना दुःख दर्द झेलने को मजबूर हुए कश्मीरी हिन्दुओं को आज तक क्या न्याय मिल पाया है. या जिसके वो हक़दार है क्या वो हो पाया है धरा 370 हटने के बाद आज कश्मीर के हालत कुछ अलग जरूर है लेकिन क्या उन परिवारों को न्याय मिला जिनके साथ इतनी ज्यादती हुई जिनके लोगों को मार दिया गया. जिनकी औरतों के साथ रेप हुआ जिनके बच्चों को उनके सामने ही मार दिया गया .
क्या उनको आज तक कुछ मिला? जिन्होंने अपना घर छोड दिया, क्या फिर से उनको अपना आशियाना मिला, अपनी वो छत मिली, जिसको वह अपना कह सके जिस छत के निचे सो कर उनको बिलकुल चैन की श्वास आये और वो खुल कर बोल सके की हाँ ये मेरा घर है ये मेरी भूमि है. या जिन्होंने उनके साथ ये सब किया उनका क्या हुआ क्या उनको उनके किये हुए गुनाहों की सजा मिल पाई?
भाईचारे को परखती फिल्म
The Kashmir Files movie review – फिल्मो की बात करे तो फिल्मे समाज का सच दिखाती है हमारे अतीत से हमें रूबरू भी कराती हैं, अगर आप भारतीय सिनेमा की बात करे तो दर्जनों ऐसी फिल्मे होंगी जो की दंगो पर बनी होंगी जिनमे मुस्लिमो को विक्टिम दिखाया गया होगा. हिन्दू देवी देवातावो के साथ मजाक करती हुयी भी फिल्मे होंगी हिन्दू लोगो के हिन्दुओं के गौरवपूर्ण इतिहास को कम करके दिखाया गया होगा .कुछ बुध्धिजिवियो की नजर में महाराज छ्त्रपती शिवाजी को लुटेरा तो महाराणा प्रताप को भगोड़ा बताया गया होगा.
शुरू से लेकर अंत तक मूवी आपको एक बात का अहसास जरूर कराएगी की उस समय जो कश्मीर के हालत हुए थे, जो घटनायें घटी जिस तरह से मुस्लिमों द्वारा कश्मीर के हिन्दुओं के साथ अत्याचार और जुल्म किये गए, तो इस बात का आपके पास क्या आश्वासन है की अगर मुस्लिम भारत के दुसरे जगहों पे बहुसंख्यक हो गए तो ऐसी घटना नहीं होंगी वहाँ से भी हिन्दुओं को भागना नही पड़ेगा. उनकी औरतो का बलात्कार नहीं होगा, उनके बच्चों को नहीं मारा जायेगा. ये सोचना इसलिए भी जरूरी है की क्यूंकि जब तक कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार नही हुआ तबतक वो लोग भी भाईचारा ही निभाते थे.
जबतक औरतों के साथ बलात्कार जैसी घटनायें नही हुयी तबतक लगता था की ये तो हमारे भाई है. हमारे पडोसी हैं हमारे सुख दुःख के साथी है, हमारा पढ़ाया हुआ एक छात्र है. ये सवाल उठना लाज़मी है की हमें सावधान रहने की जरूरत है की नहीं है? क्यूंकि बात जब मुस्लिम धर्म से जुडी हो तो बात चाहे कितनी भी बुरी हो या बकवास हो एक पढ़ा लिखा मुसलमान कभी भी दुसरे मुसलमान की बुराई नहीं करता. उदाहरण के लिए, अभी कुछ दिन पहले ही एक IAS मुसलमान के घर पर धर्म परिवर्तन से सम्बंधित मौलवी के साथ बातचीत की विडियो वायरल हुई थी.
देश के कई हिस्सों में आज के हालत इस बात की गवाही देते है की हमें आँख मूंदकर भाईचारे पर विश्वास करना चाहिए? और भूतकाल में क्या हुआ है कैसे हुआ सारी बातें अपनी आने वाली पीढ़ी को समझाने और सिखाने की जरूरत है की सेक्यूलिरिज्म का चादर अपने आँखों पे ना डाले.
सिनेमा और बुद्धिजीवियों का दोहरा रवैया
फिल्मों की बात करें तो फ़िल्में समाज का सच दिखाती हैं हमारे अतीत से हमें रूबरू भी कराती हैं, अगर आप भारतीय सिनेमा की बात करें तो दर्जनों ऐसी फिल्मे होंगी जो की दंगो पर बनी होंगी जिनमे मुस्लिमो को विक्टिम दिखाया गया होगा. हिन्दू देवी देवातावों के साथ मजाक करती हुयी भी फिल्मे होंगी, हिन्दू लोगो के और हिन्दुओं के गौरवपूर्ण इतिहास को कम करके दिखाया गया होगा .कुछ बुध्धिजिवियो की नजर में महाराज छ्त्रपती शिवाजी को लुटेरा तो महाराणा प्रताप को भगोड़ा बताया गया होगा.
जब भी कुछ ऐसा होता है तो हमारे समाज का एक वर्ग और हिंदी सिनेमा के कुछ लोग इसका खुलकर समर्थन करते है, अगर कोई धार्मिक व्यक्ति या कोई हिन्दू संगठन इसका विरोध करता है तो उन लोगों को राजनीति से प्रेरित, जाहिल, अतिवादी, नफरत फ़ैलाने वाले बोलकर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है.
द कश्मीर फाइल्स जैसी फ़िल्में क्यों नही बनतीं
लेकिन अगर बात आती है जब The Kashmir Files जैसी मूवी की जो बिना किसी चटपटा मसाला के एक सच्ची और दर्दनाक कहानी को बताती है, तो हिंदी सिनेमा का एक वर्ग उसका समर्थन नही करता. उसका प्रमोशन नहीं होने देना चाहता, कपिल शर्मा शो जो की रिश्तों को मजाक बनाता कॉमेडी शो है, वहाँ इस फिल्म प्रमोट नहीं करने दिया जाता. समाज का एक खास बुद्धिजीवी वर्ग इस फिल्म को लोगों को बाँटने वाली फिल्म कहता है, आखिर ये वर्ग सच्चाई को क्यों देखना या दिखाना नहीं चाहता.
नेशनल अवार्ड विजेता विवेक अग्निहोत्री जैसे डायरेक्टर जिन्होंने ऐसी फिल्म बनाने की हिम्मत दिखाई उनको जान से मारने की धमकियाँ मिलीं, फिर भी वो और उनकी पूरी टीम ने इस फिल्म को रिलीज़ करने का निर्णय लिया. तो ऐसे में भारत के लोगो की भी ये जिमेदारी बनती हैं की वो जाये और फिल्म देखें और समर्थन करें ताकि भविष्य में विवेक अग्निहोत्री जैसे डायरेक्टर ऐसी फ़िल्में बनाते रहें. और हमें हमारे कल की बीती सच्ची घटनाओं का सच्चा इतिहास पता चलता रहे बिना किस मसाला और तथ्यों के साथ खिलवाड़ किये बिना.
क्या है इस फिल्म की imdb रेटिंग
The Kashmir Files imdb रेटिंग – दुनिया की पहली फिल्म है जिसे 70k वोटिंग तक imdb पर 10/10 स्टार रेटिंग मिला. लेकिन हमारे समाज में कुछ ऐसे भी अमानवीय लोग हैं जो ये नही चाहते थे की इस सच से पर्दा उठे और कश्मीर हिन्दुओ के नरसंहार पर कोई फिल्म बने. अप्रत्यक्ष रूप से कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार से खुश थे. ऐसे लोगों ने imdb पर जानबूझकर ख़राब रेटिंग करने लगे. इस लेख के लिखने तक 485k वोटिंग तक इस फिल्म को imdb पर 8.3/10 स्टार रेटिंग मिला है.
TheKashmirFiles Trailer (ट्रेलर)
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